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कुश्ती में आर-पार… कौन, कितना जिम्मेदार?


कभी पोडियम पर परफॉर्म कर देश के लिए मेडल लाने वाली महिला पहलवान आज फुटपाथ पर धरना दे रही हैं. वे दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठी हैं. उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. वह बृजभूषण सिंह को पद से हटाकर उन्हें जेल भेजने की मांग कर रही हैं. दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बाहुबली नेता के खिलाफ केस दर्ज किया गया. बृजभूषण सिंह इस धरने को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं. उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है.

जनवरी से शुरू हुए इस धरने ने चार महीने में कैसे एक आंदोलन का रूप ले लिया? खिलाड़ियों की क्या पीड़ा है? कौन-कौन उनके सपोर्ट में हैं? सरकार-प्रशासन ने उनके आरोपों पर अब तक क्या एक्शन लिया? इस पूरे मामले में बृजभूषण का क्या स्टैंड है? आइए कुश्ती में दंगल की पूरी क्रोनोलॉजी समझते हैं.

जनवरी से शुरू हुआ दंगल…

दिन 1 जनवरी… पूरा देश नए साल का जश्न मना रहा था. उस दिन महिला पहलवान विनेश फोगाट ने ट्विटर पर लिखा- ‘2023 उम्मीद है आप हमारी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे. ज्यादा खुशी, बहुत सारी यादें और और सबको स्वस्थ रखना.’ उम्मीद, खुशी, यादों और सेहत से जुड़े इस मैसेज को पढ़ने से इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि यह पहलवान नए साल की शुरुआत एक ऐसे धरने से करने जा रही है, जो राजनीति में खलबली मचा देगा.

इस ट्वीट के ठीक 18वें दिन पता चलता है कि विनेश फोगाट ने साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, सरिता मोर, संगीता फोगट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और सुमित मलिक समेत 30 पहलवानों के साथ मिलकर (WFI) रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. वे संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर ‘तानाशाही’ के आरोप लगाते हुए जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ को भंग करने की मांग कर दी.

खिलाड़ियों ने लगाए 10 आरोप

– WFI के अध्यक्ष और कुछ कोच लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं.

– फेडरेशन के चहेते कोच महिला कोचों के साथ बदसलूकी करते हैं.

– अध्यक्ष गाली-गलौज करते हैं, प्लेयर्स को पीटते हैं, हमें नीचा दिखाते हैं.

– खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है.

– विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट किया जाता है.

– खिलाड़ियों के घायल होने पर फेडरेशन कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है.

– फेडरेशन ने मेंटली टॉर्चर किया, मैं सुसाइड करने की सोच रही थी.(विनेश फोगाट)

– अध्यक्ष के आदेश पर रातों रात नियम बदल दिए जाते हैं.

– कुश्ती संघ हमारे निजी जीवन में दखल देता है.

– संघ के खिलाफ आवाज उठाने के कारण हमें धमकाया जा रहा है.

पीएम और गृहमंत्री से मदद की उम्मीद

– विनेश फोगाट ने कहा, “मुझे 10-12 महिला पहलवानों अपनी कहानियां सुनाईं. उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष द्वारा यौन शोषण के बारे में मुझे बताया है. मैं उनका नाम नहीं ले सकती, लेकिन अगर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिली तो मैं नामों का खुलासा करूंगी.”

– बजरंग पुनिया ने कहा- “भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रबंधन में बदलाव किया जाए. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री हमारा समर्थन करेंगे.”

बृजभूषण का आरोपों से इनकार

“मैंने किसी खिलाड़ी का उत्पीड़न नहीं किया है. यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है. अगर ऐसा हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा. जिसका आरोप है, उसे सामने आना चाहिए. अगर दिक्कत थी तो 10 साल से क्या कर रहे थे. मुद्दे तब सामने आते हैं, जब नए रूल और रेगुलेशन लाए जाते हैं. कुछ पहलवान ट्रायल देना नहीं चाहते थे. ओलंपिक के लिए हमने अध्ययन के बाद फेडरेशन ने नियम बनाए. खिलाड़ियों को जानकारी दी गई थी.”

खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ से मांगा जवाब

पहलवान जैसे ही धरने पर बैठे खेल मंत्रालय ने उसी दिन मामला संज्ञान में ले लिया. मंत्रालय ने बुधवार देर रात (18 जनवरी) को कुश्ती संघ को नोटिस भेजा और 72 घंटे में आरोपों पर स्पष्टीकरण मांग लिया. ऐसा न करने पर राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के तहत महासंघ के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दे दी. वहीं महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर, जो 18 जनवरी से लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में शुरू होने वाला था, उसे भी रद्द कर दिया गया.

महिला आयोग ने भेजा नोटिस

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने 19 जनवरी को ट्वीट किया- देश का नाम रौशन करने वाले Olympian Wrestler साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का कहना है Wrestling Federation of India के प्रेसिडेंट और कोच खिलाड़ियों का यौन शोषण करते हैं. मामले की जांच के लिए स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री और पुलिस को नोटिस इशू कर रही हूं.

अनुराग ठाकुर के साथ बेनतीजा रही बात

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने धरने के एक दिन बाद यानी 19 जनवरी को पहलवानों को अपने आवास पर डिनर पर बुलाया. उन्होंने खिलाड़ियों से करीब पौने चार घंटे बातचीत की. इस बातचीत में स्पोर्ट्स अथॉरिटी के DG संदीप प्रधान मौजूद थे. रात 10 बजे शुरू हुई बैठक देर रात करीब दो बजे तक चली थी लेकिन वह बेनतीजा रही थी. इसके बाद अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों के साथ 20 जनवरी को दूसरी बैठक की, जिसके बाद खिलाड़ियों ने धरना खत्म कर दिया था.

दो जांच कमेटियां बनाई गईं

पहली जांच कमेटी का ऐलान अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों के साथ हुई दूसरी बैठक के दौरान किया था. खेल मंत्रालय की इस 5 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष एमसी मैरीकॉम को बनाया गया था. इस कमेटी में योगेश्वर दत्त, तृप्ति मुरगुंडे, राजगोपालन और राधा श्रीमन को भी शमिल किया गया. बाद में इस समिति में बबीता फोगाट को शामिल किया गया.

दूसरी कमेटी भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने गठित की थी. इस सात सदस्यीय कमेटी का अध्यक्ष एमसी मैरी कॉम को और अलकनंदा अशोक को उपाध्यक्ष बनाया गया. वहीं सहदेव यादव, डोला बनर्जी, योगेश्वर दत्त के अलावा अधिवक्ता श्लोक चंद्र और तलिश रे को सदस्य बनाया गया. जांच को लेकर कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है.

कमेटी पर उठाए सवाल

विनेश फोगाट ने 24 जनवरी ट्वीट कर आरोप लगाया- हमें आश्वासन दिया गया था कि निगरानी समिति के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा. बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय भी नहीं ली गई.

बृजभूषण के इस्तीफे की लगने लगीं अटकलें

अनुराग ठाकुर ने 19 जनवरी को पहलवानों से मुलाकात करने से पहले WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद उन्होंने कहा था- हम अन्य बड़े कदम उठा रहे हैं. हमारी पहले ही भारतीय ओलंपिक संघ से बात हो चुकी है.

वहीं खबर आई कि बृजभूषण शरण सिंह अगले दिन यानी 20 जनवरी को गोंडा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. उन्होंने कहा कि शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हम कुछ बोलेंगे. इसके बाद चर्चा होने लगी कि वह पद से इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी.

तब उनके बेटे और गोंडा से विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने कहा- वह (बृज भूषण शरण सिंह) WFI की वार्षिक आम बैठक में 22 जनवरी को मीडिया को संबोधित करेंगे.

चैंपियनशिप और आम बैठक रद्द

विवाद बढ़ने के बाद खेल मंत्रालय ने 21 जनवरी को सबसे पहले नंदिनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में हो रहे तीन दिवसीय नेशनल चैंपियनशिप को रद्द कर दिया. इसके बाद भारतीय रेसलिंग फेडरेशन की 22 जनवरी को होने वाली एनुअल जनरल मीटिंग को रद्द कर दिया है. ऐसा अनुमान था कि बृजभूषण इसी बैठक में इस्तीफा दे सकते थे. हालांकि उन्होंने बाद में स्पष्ट कर दिया थ कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने बयान दिया- मेरे खिलाफ कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा के इशारे पर राजनीति हो रही है. ज्यादातर पहलवान एक ही कम्युनिटी से हैं. मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. पार्टी का जो आदेश मिलेगा, उसी को मानूंगा.

सूचना लीक करने का आरोप

22 जनवरी के बाद करीब एक महीने तक मामला शांत रहा फिर अचानक 26 फरवरी को विनेश फोगाट ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि निगरानी समिति के एक सदस्य (योगश्वर दत्त) मीडिया को संवेदनशील जानकारी लीक कर रहे हैं. उन्होंने सदस्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अनुराग ठाकुर को भी पोस्ट में टैग किया.

बृजभूषण के खिलाफ नहीं मिले सबूत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैरीकॉम के नेतृत्व वाली 7 सदस्यीय कमेटी ने 13 मार्च को खेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी. सूत्रों के मुताबिक जांच में बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं. किसी भी पीड़ित लड़की ने कमेटी के समाने पेश होकर उनके खिलाफ बयान भी नहीं दर्ज कराए हैं.

मीडिया में यह रिपोर्ट आने के बाद बजरंग पूनिया ने ट्वीट किया- कुछ मीडिया हाउस खबर के नाम पर झूठी खबर लिख रहे हैं. यह बहुत ही दुखदायी और पीड़ादायी है, उन लड़कियों के लिए जो बृजभूषण जैसे लोगों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाती हैं. किसने कहा कोई सबूत नहीं मिला? किसने कहा कोई सामने नहीं आ रहा? किसने कहा रिपोर्ट सबमिट हो गई है?

कनॉट प्लेस थाने में की शिकायत

एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में यौन शोषण की शिकायत दी. 22 अप्रैल को जब उन्होंने शिकायत की स्थिति का पता लगाया तो FIR नहीं दर्ज हुई थी.

पहलवानों ने फिर शुरू किया धरना

इसके बाद पहवानों ने 23 अप्रैल को फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया. उन्होंने खेल मंत्रालय की जांच कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए और उसे सार्वजनिक करने की मांग की. इसके अलावा बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की.

डीसीडब्ल्यू ने पुलिस को भेजा नोटिस

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने 23 अप्रैल को पहलवानों की शिकायत के संबंध में नगर पुलिस को नोटिस जारी किया. आयोग ने इस मामले में देरी के लिए जिम्मेदार अफसर पर कार्रवाई के विवरण के साथ FIR दर्ज करने में देरी की वजहों को पूछा और 25 अप्रैल तक रिपोर्ट तलब कर ली.

केस दर्ज न होने पर SC पहुंचे पहलवान

24 अप्रैल को पहलवान FIR दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांग लिया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 26 अप्रैल को कोर्ट को बताया कि बृजभूषण शरण के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले आरोपों की जांच की जा रही है. खेल मंत्रालय की जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है. पुख्ता सबूत के बाद FIR दर्ज की जाएगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय कर दी. जब 28 अप्रैल कोर्ट में सुनवाई हुई तो सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि आज केस दर्ज कर लिया जाएगा. देर रात WFI अध्यक्ष के खिलाफ दो केस दर्ज कर लिए गए.

इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस

बृजभूषण शरण सिंह पर FIR दर्ज करने के लिए नई दिल्ली पुलिस के 10 इंस्पेक्टर को थाने में बुलाया गया था. दो एफआईआर दर्ज की गईं. एक- पॉक्सो एक्ट के तहत और दूसरी- धारा 354 (स्त्री की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या बल प्रयोग करना), धारा 354(ए) (यौन उत्पीड़न), धारा 354 (डी) (पीछा करना) और धारा 34 (सामान्य आशय को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत दर्ज की गई.

इन शिकायतों में 2012 से लेकर 2022 तक की घटनाओं का जिक्र है. अध्यक्ष पर विदेश में भी छेड़खानी करने के आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस की 7 महिला अफसरों को केस की जांच में लगाया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सातों पीड़ित पहलवानों की सुरक्षा बढ़ा दी है.

पहलवान vs पीटी उषा

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद पीटी उषा ने 27 अप्रैल को भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पहलवानों के सार्वजनिक रूप से धरना देने को अनुशासनहीनता बताया. उन्होंने कहा-

‘मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए IOA की एक समिति और एथलीट आयोग है. सड़कों पर जाने के बजाय उन्हें (पहलवानों को) हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन वे IOA में नहीं आए. यह खेल के लिए अच्छा नहीं है. वे जो कर रहे हैं वह देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है.’

पहलवानों ने दिया जवाब

विनेश फोगाट बोलीं- ‘पीटी उषा का महिलाओं के प्रति ऐसे बोलना, बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं होना, काफी दुखद है. मैंने उनको पर्सनली फोन भी किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. हमें नहीं पता यह उनकी जुबान है या उनके ऊपर भी कोई दबाव है. वह आईओए की अध्यक्ष हैं, लेकिन उनको मीडिया में आकर यह कहना पड़ा था कि उनकी अकादमी तोड़ी जा रही है. जो खुद के साथ ही न्याय नहीं करा सकी, हम उनसे क्या उम्मीद रखें?’

बजरंग पूनिया बोले- ‘उषा मैम ने ट्वीट किया था कि कुछ लोगों ने गुंडागर्दी का सहारा लेकर उनकी अकादमी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की. वे मुझे बताएं कि क्या उस समय देश की छवि धूमिल नहीं हो रही थी.’

साक्षी मलिक बोलीं-‘मैं मैडम से पूछना चाहती हूं कि महिला पहलवान आगे आई हैं, उन्होंने उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है. क्या हम विरोध भी नहीं कर सकते? आईओए समिति में हमने अपने बयान दिए. आईओए समिति के सदस्य भी रो पड़े थे. उन्होंने आश्वासन दिया था कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.’

गीता फोगाट बोलीं-‘जिस इंसान पर इतने संगीन आरोप लगे हों उन पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है और पीटी उषा आप खिलाड़ियों को अनुशासनहीन बता रही हैं. एक महिला और खिलाड़ी होने के नाते आपसे तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी. यह बेहद ही शर्मनाक है.’

प्रेस कॉन्फ्रेंस का चला दौर, लगाए आरोप

एफआईआर दर्ज होने के एक दिन बाद यानी 29 अप्रैल को पहलवानों ने फिर बृजभूषण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. आइए जानते हैं कि किसने क्या बातें कहीं-

सबसे पहले पहलवानों की बातें जानते हैं-

– बृजभूषण सिंह को जेल में डाला जाए.

– उनके जेल जाने तक धरना जारी रहेगा.

– स्पोर्ट्स को बचाना है तो खिलाड़ियों का साथ दें.

– अनुराग ठाकुर ने हमारा फोन नहीं उठाया.

– SC के अलावा हमें किसी पर भरोसा नहीं है, पुलिस पर भी नहीं.

– यह लड़ाई हिंदुस्तान में कुश्ती के भविष्य को लेकर है.

– जांच कमेटी ने असली बात छुपाई.

– धरने पर बैठे खिलाड़ियों को सुरक्षा की जरूरत है.

बृजभूषण ने आरोपों पर दी सफाई

– मुझे कोर्ट पर भरोसा, मैं SC के आदेश का सम्मान करता हूं.

– मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वे सभी बेबुनियाद हैं.

– यह खिलाड़ियों का धरना नहीं है, मैं तो बहाना हूं, निशाना कोई और है.

– पहलवानों का धरना फर्जी है, जल्द सच्चाई सामने आ जाएगी.

– धरने के पीछे देश के कुछ उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है.

– मुझे विनेश फोगाट नहीं बल्कि जनता की वजह से पद मिला है.

– इस्तीफा देना बड़ी बात नहीं है लेकिन अपराधी बनकर नहीं दूंगा.

– इस्तीफा देने का मतलब मैंने आरोपों को मान लिया.

– एक ही परिवार और एक ही अखाड़ा क्यों?

– देश के अन्य प्रांतों के खिलाड़ी क्यों आरोप नहीं लगा रहे हैं?

धरने में राजनेताओं की एंट्री

पहलवानों ने जब जनवरी में धरना दिया था, तो उस समय खिलाड़ियों ने नेताओं से धरने का राजनीतिकरण न करने की अपील की थी. पहलवान जब अप्रैल में धरने पर बैठे तो उन्होंने अपना मंच नेताओं के लिए खोल दिया.

नेता, अभिनेता, खिलाड़ी समर्थन में

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेटा डिसूजा, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू, जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, AAP राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता, आप नेता आतिशी मारलेना, आप विधायक सौरभ भारद्वाज, दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय, रालोद नेता जयंत चौधरी,  वरिष्ठ कम्युनिष्ट नेता वृंदा करात, सीपीआई (एम) नेता पूर्व सांसद सुभाषिनी अली सहगल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल, लोकदल के नेता अभय चौटाला, केसी त्योगी, भीम सेना के संस्थापक चंद्र शेखर, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम-360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी समेत हरियाणा की तमाम खाप पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं.

इसके अलावा खिलाड़ियों में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, मुक्केबाज विजेंदर कुमार, नीरज चोपड़ा, कपिल देव, हरभजन सिंह, इरफान पठान, वीरेंद्र सहवाग, रानी रामपाल, सानिया मिर्जा, निकहत जरीन, बायचुंग भूटिया, हॉकी पूर्व कप्तान वीरेन रस्किन्हा, पूर्व बॉक्सर वीरेंद्र सिंह, कबड्डी खिलाड़ी दीपक निवास हुड्डा, शूटिंग खिलाड़ी अवनीत कौर सिंधू, डीयू जाट स्टूडेंट यूनियन के अलावा अभिनेत्री स्वरा भास्कर, एक्टर सोनू सूद और लेखिका अरुणधती रॉय भी पहलवानों का साथ दे रही हैं.

धरने की वजह कहीं ये तो नहीं

– अगस्त 2021 में भारतीय कुश्ती महासंघ ने विनेश फोगाट पर टोक्यो ओलंपिक के दौरान अनुशासनहीनता के आधार पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर रोक लगा दी थी. विनेश ने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ ठहरने से ही इनकार नहीं किया था, बल्कि टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ ट्रेनिंग भी नहीं की थी.

– नवंबर 2021 में फेडरेशन ने नियमों में बदलाव कर दिया. इसके तहत कोई भी राज्य नेशनल में एक से ज्यादा टीम नहीं भेज सकता. ओलंपिक में सबसे ज्यादा टीमें हरियाणा से भेजी जाती थीं.

– ओलंपिक में जाने से पहले ओलंपिक कोटा लेने वाले खिलाड़ियों को भी ट्रायल्स देना पड़ सकता है. इससे पहले यह होता था कि जो खिलाड़ी ओलंपिक कोटा हासिल कर लेता था, उसे टीम में जगह मिल जाती थी. फेडरेशन का तर्क है कि ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद कुछ खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं या परफॉर्म नहीं कर पाते और वे ओलंपिक खेलने चले जाते हैं, जिससे उनके मेडल जीतने की संभावनाएं कम हो जाती हैं.

–  2022 में कुश्ती महासंघ ने निजी और गैर-सरकारी संगठनों को पहलवानों की मदद करने पर रोक लगा दी थी. लिहाजा, पहलवानों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे मनपसंद विदेशी कोच, फिज़ियो और विदेश में ट्रेनिंग और प्राइवेट स्पॉन्सरशिप मिलनी बंद कर दी गई.

पहलवानों और पुलिस में झड़प

धरने पर बैठे पहलवानों और पुलिस के बीच 3 मई की रात को झड़प हो गई. पहलवानों ने आरोप कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने शराब के नशे में उन्हें पीट दिया. एक पहलवान का सिर फट गया है. पुलिस ने उन्हें गालियां दीं. हालांकि पुलिस ने मारपीट से इनकार किया है. पुलिस ने बचाव में कहा कि AAP विधायक सोमनाथ भारती ट्रक में फोल्डिंग बेड्स लेकर आए थे, जबकि इसकी इजाजत नहीं थी. जब उन्हें जाने से रोका गया तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद सोमनाथ भारती को हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद जंतर-मंतर को सील कर दिया है. धरना स्थल में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई.

पहलवानों से मिलने पहुंची पीटी उषा, हुआ विरोध

पहलवानों के धरने के 11वें दिन भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और पूर्व एथलीट पीटी उषा उनसे मिलने जंतर-मंतर पर गईं. उन्होंने पहलवानों से बात की. हालांकि मीडिया से बात नहीं की. जब पीटी उषा उनसे मिलकर जा रही थीं, तब कुछ लोगों ने उनका विरोध किया. एक वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि लोग कह रहे हैं कि पीटी उषा ने महिला का अपमान किया है.

सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों की सुनवाई बंद

सुप्रीम कोर्ट ने बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों की याचिका की सुनवाई 4 मई को बंद कर दी. कोर्ट ने कहा कि महिला रेसलर्स की मांग पर बृजभूषण के ख़िलाफ FIR दर्ज हो चुकी है, उनकी मांग पर सुरक्षा दी जा चुकी है, अब अगर कोई और मसला हो तो याचिकाकर्ता हाई कोर्ट या निचली अदालत में जा सकते हैं. वहीं पहलवानों का कहना है कि हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारा धरना जारी रहेगा.

‘बृजभूषण ने जांघ और ब्रेस्ट को छुआ’

पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों के दर्ज बयान सामने आ गए. एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पहलवानों ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण शरण सिंह ने सांस लेने और छोड़ने के तरीके जांच के बहाने उनके पेट और ब्रेस्ट को छुआ था. वो अब तक इसलिए चुप थीं, क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह ने करियर को खराब करने का दबाव डाला था. जांच में अगर बृजभूषण के खिलाफ कुछ सबूत मिलते हैं तो उनके ऊपर इस्तीफे और गिरफ्तारी का संकट गहरा सकता है.


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